Monday, October 28, 2013

हाथ छुडाकर कहाँ चली माँ मैने तुझको खूब रूलाया....

आज तुम्ह्राई बात चली तो
छड भर को कुछकह ना पाया..
हाथ छुडाकर कहाँ चली माँ
मैने तुझको बहुत रूलाया ...

गोदी तेरी पालना थी माँ
झुला झुला तू लोरी गाती...
बिलख बिलख जो मै रोता तो
माँ तेरी ऑखे भर आती ...

नही बिलख कर रोऊगा अब
रो उठेगा तेरा साया ....
हाथ छुडाकर कहाँ चली माँ
मैने तुझको खूब रूलाया....

मेरी उगली कलम पकडती
लिखती पहला अक्षर अम्मा ...
मै सम्भाल के बैठा अब भी
तेरी गीता तेरा चश्मा माँ....
तेरे निष्कर्म कर्म को हमने
जीवन मे अपनाया ....
हाथ छुडाकर कहाँ चली माँ
मैने तुझको खूब रूलाया....

राजा रानी लाल बुझक्कड
तरह तरह की कथा सुनाती .....
हूँ हूँ कर मै सो जाता
चुम्मा कर तू सो जाती....
माँ तेरे चुम्मे को तरसू
धन चाहे लाखो हो पाया....
हाँथ छुडाकर कहाँ चली माँ
मैने तुझको खूब रूलाया ....

फटी हुई गुदडी को ओडे
स्पर्स तेरा मै पाना चाहू...
अपने बच्चे को देखा तो
हस ना पाया रो ना पाया....
हाथ छुडाकर कहाँ चली माँ
मैने तुमको खूब रूलाया.....
आज तुम्हारी बात चली तो
छड भर को कुछ कह ना पाया..

हाथ छुडाकर कहाँ चली माँ..
मैने तुझको खूब रूलाया .....

____राज जौनपुरी

Tuesday, September 3, 2013

"माँ की दुआ"

मेरी ज़िन्दगी में जन्नत की तस्वीर है मेरी माँ,
दुनिया में रेहमत की तस्वीर है मेरी माँ,

मैं एक ख्वाब हूँ ज़िन्दगी का
जिसकी तकदीर हैमेरी माँ,,

ज़िन्दगी की मुश्किल राहों में
उजाले की एक राह है मेरी माँ,,

मेरे हर गम मेरे हर दर्द में
एक नया जोश है मेरी माँ,,

मेरी हर नाकामी अब दूर है मुझसे
मेरी हर कामयाबी का "राज" है मेरी माँ,,

छुपा लेती है वह जख्म को मरहम की तरह
मेरे दर्द की दवा है मेरी माँ,,

दुनियां में नहीं कोई मेरी माँ जैसा
ममता की एक ऐसी खदान है मेरी माँ,,,

राज उपाध्याय

Friday, May 10, 2013

तू ही बता ऐ "ज़िन्दगी" मुझे तुझसे क्या मिला..

तू ही बता ऐ "ज़िन्दगी" मुझे तुझसे क्या मिला,
फिर वही घुटन, रंजिश और वही शिकवा गिला,
मांगी थी सेज फूलों से सजी हुयी,
फिर क्यों मुझे काँटों भरा बिस्तर मिला..
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी मुझे तुझसे क्या मिला,,

चाहा था एक मजबूत सहारा हो मेरा..
फिर क्यों हवा के एक झोंके से मेरा वजूद गिरा..
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी मुझे तुझसे क्या मिला,,

किया था मुहब्बत मैंने भी दिल-ओ-जान से,
फिर क्यों बेवफाई से मिला मुझे हर वफ़ा का सिला..
तू ही बता ए ज़िन्दगी मुझे तुझसे क्या मिला,,

उड़ती रही बस सूखे पत्ते सी हवा में,
फिर क्यों मुझे ना ही जमीन और ना ही आसमान मिला..
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी मुझे तुझसे क्या मिला,,


राज उपाध्याय

Save Girl Child


Kaliyon Ko Khill Jaane Do..
Mithi Khushboo Phailane Do..
Band Kro Unki Hatya Ab
Jeevan Jyoti Jalane Do..

Kaliyan Jo Todi Tumne Toh
Phool Kahan Se Laaoge..
Beti Ki Hatya Karke Tum
Bahu Kahan See Laaoge...

Maa Dharti Par Aane Di
Unko Bhi Lehrane Do..
Band Kro Unki Hatya Ab
Jeevan Jyot Jalane Do....
Maa Durga Ki Puja Karke
Bhakt Bade Kehlaten Ho..
Kahan Gyi Veh Bhakti Jo
Beti Ko Maar Girate Ho...

Lakshmi Ko Jeevan Paane Do....
band Kro Unki Hatya Ab
Jeevan Jyot Jalane Do....

Raj Upadhyay

Wednesday, April 24, 2013

ज़िन्दगी से..

ये शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे,
किसे क्या खबर है कहा टूट जाए..
मोहब्बत के दरिया में तिनका वफ़ा का
ना जाने ये किस मोड़ पर डूब जाएँ,

अजब दिल की बस्ती अजब दिल की वादी,
हर एक मोड़ मौसम नहीं ख्वाहिशों का..
लगाए हैं हमने भी सपनो के पौधे,
मगर क्या भरोसा यहां बारिशों का..

मुरादों के मंज़िल के सपनो में खोये,
मुहब्बत के राहों में हम चल पड़े थे..
जरा दूर छलके जब आँखे खुली तो,
कड़ी धुप में हम अकेले खड़े थे...

जिन्हें दिल से चाहा जिन्हें दिल से पूजा,
नज़र आ रहे हैं वही अजनवी से..
कहानी है शायद ये सदियों पुरानी,
शिकायत नहीं है कोई ज़िन्दगी से...

राज उपाध्याय

Monday, April 22, 2013

लोग दीवाने क्यों होते हैं...

छुपके से किसी कोने में रोते हैं...
लोग दीवाने क्यों होते हैं...
हर गहरी साजिश के पीछे,
दोस्त पुराने क्यों होते हैं...

बन गए दिल पर बोझ जो,
ऐसे साथ निभाने क्यों होते हैं...
हर युग में दिल के शीशे को,
पत्थर खाने क्यों होते हैं...

जब भी वक़्त बुरा आता है,
अश्क बहाने क्यों होते हैं...
जो रंजो-गम नाप न पायें,
वो पैमाने क्यों होते हैं...

अश्कों से तर आँख हो फिर भी,
लब मुस्काने क्यों होते हैं...
यारोँ लोगोँ की तिरछी नज़रों के,
हम ही निशाने क्यों होते हैं...?

राज उपाध्याय

Saturday, April 13, 2013

Mohabbat kise kahte hain

Bataa do mujhe tum
mohabbat kise kahte hain,
Raat bhar hum yahi
sochne mei lge rahte hai...
Duniya Waale mohabbat
ko Badnaam samjhte hai,
Magar hum Aashiq toh
Usko Zindagi or Jaan samjhte hai....!!

Friday, April 12, 2013

Teri Yaadein


Jo kabhi teri nazar se guzar jaya kerte hain

Jo kabhi teri nazar se guzar jaya kerte hain,
woh sitaare aksar toot ke bikhar jaya kerte hain...

Hum kisi se mohabbaton ka daawa to nahi kerte
haan magar wafaon pe hum marr jaya kerte hain...

Mausam ke Waqt bhi guzarega to kabhi
mausam ke isi aas main guzar jaya kerte hain...

Mohabbaton ki ehmiyat se waqif nahi hai woh
kuch log bas inhi se sawar jaya kerte hain...

Bujhti to nahi barishon se seilaab hee sada
phir teri wafa se kyun hum dar jaya kerte hain...

Kuch log apne dukhoon ki numaish nahi kerte
bas khamoshi se ander hi bikhar jaya keret hain...

Woh aansoo jo palkoon ki zeenat nahi bante
woh chup chap se dil main utar jaya kerte hain…..

Raj Upadhyay

Sunday, April 7, 2013

मुहब्बत का सफ़र है...

बड़ी नाजुक है ये मंजिल मुहब्बत का सफ़र है...
धड़क आसानी से ऐ दिल मुहब्बत का सफ़र है..

कोई सुन ले न ये किस्सा बहुत डर लगता है..
मगर डर के भी क्या हासिल मुहब्बत का सफ़र है...

बताना भी नहीं आसान छुपाना भी कठिन है..
खुदाया किस कदर मुश्किल मुहब्बत का सफ़र है...

उजाले दिल के फैले हैं चले आओ न तुम जानम.
बहुत ही प्यार के काबिल मुहब्बत का सफ़र है..

♥♥♥Missing You♥♥♥

राज उपाध्याय

Friday, April 5, 2013

मां

मै रोया यहां दूर देस वहां भीग गया तेरा आंचल.
तू रात को सोती उठ बैठी हुई तेरे दिल में हलचल..

जो इतनी दूर चला आया ये कैसा प्यार तेरा है मां.
सब ग़म ऐसे दूर हुए तेरा सर पर हाथ फिरा है मां..

जीवन का कैसा खेल है ये मां तुझसे दूर हुआ हूं मै.
वक़्त के हाथों की कठपुतली कैसा मजबूर हुआ हूं मै..

जब भी मै तन्हा होता हूँ, मां तुझको गले लगाना है.
भीड़ बहुत है दुनिया में तेरी बाहों में आना है..

जब भी मै ठोकर खाता था मां तूने मुझे उठाया है.
थक कर हार नहीं मानूं ये तूने ही समझाया है..

मै आज जहां भी पहुंचा हूँ मां तेरे प्यार की शक्ति है.
पर पहुंचा मै कितना दूर तू मेरी राहें तकती है..

छोती छोटी बातों पर मां मुझको ध्यान तू करती है.
चौखट की हर आहट पर मुझको पहचान तू करती है..

कैसे बंधन में जकड़ा हूँ दो-चार दिनों आ पाता हूँ.
बस देखती रहती है मुझको आँखों में नहीं समाता हूँ..

तू चाहती है मुझको रोके मुझे सदा पास रखे अपने.
पर भेजती है तू ये कह के जा पूरे कर अपने सपने..

अपने सपने भूल के मां तू मेरे सपने जीती है.
होठों से मुस्काती है दूरी के आंसू पीती है..

बस एक बार तू कह दे मां मै पास तेरे रुक जाऊंगा..
गोद में तेरी सर होगा मै वापस कभी ना जाऊंगा........

राज.....

Wednesday, April 3, 2013

Teri Yaad

Dil udaas hai aaj phir mera aaj phir teri kahaani yaad aayi..
Jo kho chuki hai barso se aaj phir wo Nishani yaad aayi..

Yaad aaye woh pal jo tere sath bitaye the kabhi meine..
Tere sath na bitta saka jo aaj phir woh Jawani yaad aayi...

Dekha kiye jo aaj ik laila ko ik majnu k intzaar mein khade..
To mujh pe mar mit jane wali phir meri Deewaani yaad aayi...

Jab dekha Heer ka ranjhe ke liye sab kucch chod ke aa jana..
To mujhe pane ke waaste di huyi teri har Qurbani yaad aayi...

Dekha kiye jab ik ashiq ko kissi ki ashiqi mein khoye huye..
To yaad aaye afsaane saare teri har baat Purani yaad aayi....

Dekha kissi mehbooba ka mehboob ke hath mein dum todna..
Jo cheen lee rab ne mujh se aaj phir wohi Zindgani yaad aayi...!!!

***Missing Someone***

Raj Upadhyay

ज़िन्दगी और मोहब्बत


कभी ज़िन्दगी का नाम है मोहब्बत,
कभी मौत का पैगाम है मोहब्बत,,

कभी मुहब्बत से मिलती है ख़ुशी,
कभी गम की शाम है मोहब्बत,,
कभी मोहब्बत आंशुओं की बारिश है,
कभी ख़ुशी का जाम है मोहब्बत,,

कभी है मोहब्बत दिल की जलन,
कभी दिल का आराम है मोहब्बत,,

कभी मोहब्बत है मिलान का रूप,
कभी तन्हाई की तरह बे-नाम है मोहब्बत,,

कभी मोहब्बत है बे-नाम ज़िन्दगी,
कभी ज़िन्दगी कहती है मेरा नाम है मोहब्बत,,

~राज~

Tuesday, April 2, 2013

प्रेम



प्यार को कभी भी किया नहीं जा सकता।

प्यार तो अपने आप हो जाता है।

दिन और रात... धरती और आसमान, एक दूसरे के बिना सब अधूरे हैं।

सन -सन करती हवाएं, सुन्दर नजारे, फूलों की खुशबू ... सभी में छिपा होता है प्यार...

कुछ तो प्यार में हारकर भी जीत जाते हैं, तो कुछ जीतकर भी अपना प्यार हार जाते हैं।

प्यार एक ऐसा नशा है जिसमें जो डूबता है वो ही पार होता है।

प्यार पर किसी का वश नहीं होता.... अगर आप भी प्यार महसूस करना चाहते हैं तो डूबिये किसी के प्यार में...

दुनिया की सबसे बड़ी नेमत है ढाई आखर का प्यार...

जब आप भी किसी को चाहने लगते हैं तो उसके दूर होने पर भी आपको नजदीक होने का अहसास होने लगता है , हर चेहरे में आप उसका चेहरा ढूंढने की असफल कोशिश करते हैं,

कोई पल ऐसा न गुजरता होगा जब उसका नाम आपके होठों पर न रहता हो ...

यही तो होता है प्यार... सुन्दर, सुखद , निश्छल और पवित्र अहसास।

पूरी दुनिया के सुख इस प्रेम में समाए हुए हैं। यह शब्द छोटा होते हुए भी सभी शब्दों में बड़ा महसूस होता है। केवल इतना सा अहसास मात्र ही आपको तरंगित कर देगा कि मैं उससे प्यार करता हूँ♥♥


राज उपाध्याय

Monday, April 1, 2013

याद

उनका वादा है कि वो लौट आयेंगे,
इसी उम्मीद पे हम जिए जाएंगे,
ये इंतज़ार भी उन्ही की तरह हैं,
कर रहे थे कर रहे हैं और किये जाएंगे...

*राज*