Sunday, July 26, 2015

"माँ का आँचल"

माँ का आँचल,
दुनिया का सबसे सूकून वाला स्थान है,,
माँ की ममता का क्या कहना,
उनके बच्चे ही उनकी दुनिया और जहान हैं,,

माँ की खुशियाँ उनके बच्चों में होती है,,
और यही बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो
माँ एक कोने में बैठे रोती है...

हे ईश्वर अगर तुझमें शक्ति है तो समझा इन मूर्खो को,,
इस ममतामई करुणामयी को रुलाने वाली संतान कभी खुश नहीं होती है...

स्वरचित__ राज

"श्राद्ध" क्या है.?

👉 एक दोस्त हलवाई की दुकान पर मिल गया ।

मुझसे कहा- ‘आज माँ का श्राद्ध है, माँ को लड्डू बहुत पसन्द है, इसलिए लड्डू लेने आया हूँ '

मैं आश्चर्य में पड़ गया ।
अभी पाँच मिनिट पहले तो मैं उसकी माँ से सब्जी मंडी में मिला था ।

मैं कुछ और कहता उससे पहले ही खुद उसकी माँ हाथ में झोला लिए वहाँ आ पहुँची ।

मैंने दोस्त की पीठ पर मारते हुए कहा- 'भले आदमी ये क्या मजाक है ?
माँजी तो यह रही तेरे पास !

दोस्त अपनी माँ के दोनों कंधों पर हाथ रखकर हँसकर बोला, ‍'भई, बात यूँ है कि मृत्यु के बाद गाय-कौवे की थाली में लड्डू रखने से अच्छा है कि माँ की थाली में लड्डू परोसकर उसे जीते-जी तृप्त करूँ ।

मैं मानता हूँ कि जीते जी माता-पिता को हर हाल में खुश रखना ही सच्चा श्राद्ध है ।

आगे उसने कहा, 'माँ को मिठाई,
सफेद जामुन, आम आदि पसंद है ।
मैं वह सब उन्हें खिलाता हूँ ।

श्रद्धालु मंदिर में जाकर अगरबत्ती जलाते हैं । मैं मंदिर नहीं जाता हूँ, पर माँ के सोने के कमरे में कछुआ छाप अगरबत्ती लगा देता हूँ ।

सुबह जब माँ गीता पढ़ने बैठती है तो माँ का चश्मा साफ कर के देता हूँ । मुझे लगता है कि ईश्वर के फोटो व मूर्ति आदि साफ करने से ज्यादा पुण्य
माँ का चश्मा साफ करके मिलता है ।

यह बात श्रद्धालुओं को चुभ सकती है पर बात खरी है ।
हम बुजुर्गों के मरने के बाद उनका श्राद्ध करते हैं ।
पंडितों को खीर-पुरी खिलाते हैं ।
रस्मों के चलते हम यह सब कर लेते है, पर याद रखिए कि गाय-कौए को खिलाया ऊपर पहुँचता है या नहीं, यह किसे पता ।

अमेरिका या जापान में भी अभी तक स्वर्ग के लिए कोई टिफिन सेवा शुरू नही हुई है ।
माता-पिता को जीते-जी ही सारे सुख देना वास्तविक श्राद्ध है ॥

माँ पापा से प्यार करें 

कष्ट न देना उस भगवन को___

वो माँ ही है इस दुनिया में
जिसने तुमको पाला है,,
खुद तो भूखी रह लेगी
तुम्हे अपना दिया निवाला है,,

माँ की महिमा इस जग में
यारों बहुत निराली है,,
माँ है तो सब कुछ है यारों
माँ ममता की प्याली है...

कष्ट न देना उस भगवन को,
जिसने तुमको जन्म दिया,,
पाला पोसा उसने तुमको,
अपना पूरा करम किया,,,

अब तुम भी अपने जीवन में,
अच्छा कोई काम करो,,
अपने माँ बापू का बस तुम,
ऊँचे शिखर पे नाम करो,,
माँ पापा से प्यार करें

स्वरचित:- राज उपाध्याय