Monday, March 23, 2015

ईश्वर की बनायी गयी अतुल्य रचना है "माँ" और "पिता"



माँ अपने आप में एक ईश्वर की बनायी गयी अतुल्य रचना है,
जिसने माँ को दुःख दिया संसार में उसे कहाँ बचना है,,

ये वो शक्ति है जो आपको हर ठोकर से बचाती है,,
अपने बच्चे की ख़ुशी के लिए ये दुनिया से लड़ जाती है,,

माँ को बनाकर ईश्वर भी समझ नहीं पाया,
इसीलिए वो खुद जन्म लेकर इस धरती पर आया,,

दोस्तों एक दुआ माँ की तुम्हारी जिंदगी संवार देगी,,
उधड़े हुए चेहरे को पल भर में निखार देगी,,

मत बनो पत्थर उस मोम के दिल पर,
वर्ना ना मिलेगा कुछ भी तुम्हे सबकुछ मिलकर,,

बहुत लोग मिलते हैं जो बर्बाद करते हैं,
ये माँ पिता ही हैं जो बच्चों को आबाद करते हैं,,

माँ पिता जैसा संसार में नहीं कोई दूजा है,,
हर मंदिर हर धाम इनके चरणों की पूजा है...,,,,,

कविता लेखक:- राज उपाध्याय (जौनपुरी)