सच है मैं अपने यार को समझता हूँ..
उसके हर बात में छिपे हुए प्यार को समझता हूँ..
समझता हूँ कैसी होती है बेचैनी,
मैं अपने यार के इंतज़ार को समझता हूँ..
उसकी की हुयी नादानियों को समझता हूँ..
उसकी की हुयी मेहरबानियों को समझता हूँ..
समझता हूँ उसकी खिलखिलाती हंसी को,
हाँ मैं उसके हँसते खेलते संसार को समझता हूँ..
सच है मैं अपने यार को समझता हूँ..
उसके हर बात में छिपे हुए प्यार को समझता हूँ..
_._._स्वरचित_._._