क्या लिखू माँ के लिए..???
ये एक अकेला ऐसा शब्द है जो पूरी दुनिया को समेटे हुए हैं...
माँ एक प्रेम की अद्भुत शिला है,,
माँ से सारी दुनिया को प्रेम मिला है,,
माँ की लोरी में दुनिया समाई है,,
माँ नहीं तो सारी दुनिया पराई है,,
रात उठ के बिस्तर को संभालती है वो,,
अपना सारा जीवन आपके लिए निकालती है वो,,
वो माँ प्रेम की एक चादर है,,
वो माँ ही करुणामयी सागर है,,
वो माँ ही जीवन की चौपाई है,,
वो माँ ही प्रेम की गहरी खाई है,,
वो माँ ही है जो हर वक़्त डाँटती है,,
और तुम्हारे भूखे पेट को खुद के कलेजे से पाटती है,,
वो खुद को खोकर भी आपको जगाती है,,
ज़िन्दगी की मुश्किल दौड़ में चलना वो ही सिखाती है,,
वो साये की तरह तुम्हारे साथ रहती है,,
तुम खुश रहो यही सदा ईश्वर से कहती है,,
वो तुमारे गले की रुद्राक्ष की माला है,,
वो है तो जीवन भर उजाला है,,
तुम उसके फूल और वो तुम्हारी माली है,,
बिना तुम्हारे उसकी जीवन की बगिया खाली है,,
वो कड़कती धुप में तुम्हारे तन का साया है,,
पता नहीं उस माँ को कैसे ईश्वर ने बनाया है,,
माँ माथे पर लगाया हुआ एक भव्य चन्दन है,,,
इस जहाँ में माँ को मेरा हार्दिक अभिनन्दन हैं,,,
सभी मित्रों को ममता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
कविता लेखक:- राज उपाध्याय