Sunday, June 20, 2021

सम्मान की दीवार- पिता दिवस

 हम लड़के पिता को गले से नहीं लगाते | हम लड़के पिता के गालों को नहीं चूमते और न ही हम पिता की गोद में सिर रख के सुकून से सोते हैं । पिता पुत्र रिश्ता मर्यादित होता है। अक्सर जब घर पे फोन करता हूँ , माँ से बात होती है। पीछे से कुछ दबे दबे से शब्दों में पिता जी भी कुछ कहते हैं , सवाल पूछते हैं या फिर सलाह तो देते ही हैं ।

कुछ नहीं होता है जब कहने को तो खांसने की एक आवाज उनकी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए कई बार काफी होती हैं | पिता की शिथिल होती तबीयत का हाल भी हम लड़के माँ से ही पूछते है और माँ के ही सहारे दवाइयों, परहेज, व्यायाम इत्यादि की सलाह भी देते है। पिता पुत्र शुरुआत से ही एक दूरी पर होते हैं। दूरी अदब की, लिहाज की, संस्कृत की या फिर जनरेशन गैप की | 

हर बेटे का मन करता है कि इन दूरियों को लांघता हुआ जाए और अपने पिता को गले से लगाकर कहे "आई लव यू डैड | जिस तरह मदर्स डे पे माँ को विश करते हैं उसी तरह फादर्स डे पर पिता को गले लगाकर विश करना हम सभी लड़के का स्वप्न है । मगर हम कर नहीं पाते । मां से जितना प्यार करते हैं पिता का उतना ही सम्मान और ये सम्मान की दीवार इतनी - बडी हो चुकी है कि प्यार की छलांग उसको लांघ नहीं सकती।


पितृ दिवस की शुभकामनाएं!!

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