Friday, February 5, 2016

बहुत हुआ है यारा तेरा... अब कर दे बंटवारा मेरा...

क्या रखा है इस जीवन में..
आग लगे जल्दी इस मन में..

बहुत सताती दुनिया यारा..
अपना है अब कौन सहारा..

हँसते हँसते कब रो देंगे..
कब कैसे किसको खो देंगे..

नहीं पता क्या कैसा सबकुछ..
क्या अजीब दुनिया है सचमुच..

रोना पल-पल खोना पल-पल..
कैसी माया कैसा दलदल..

यूँ ही अब हम अश्क बहाते..
अब क्यों ना हम मर ही जाते..

कैसा कागज़ कैसी कश्ती..
कैसा मतलब कैसी हस्ती..

ज़िन्दगी तूने बहुत निचोड़ा..
दिल को तूने बहुत मरोड़ा..
तूने तो सब कुछ कर डाला,
जीने को कुछ भी ना छोड़ा..

बहुत हुआ है यारा तेरा..
अब कर दे बंटवारा मेरा..
ले जा मिटटी का ये तन तू,
मुझे साँस है प्यारा मेरा..
कर दे तू छुटकारा मेरा..
अब कर दे बंटवारा मेरा........
अब कर दे बंटवारा मेरा.................

राज उपाध्याय



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