जीवन साथी का प्रेम होना चाहिए जीवन में...
इसमें एक अलग अपनत्व का एहसास होता है...
अपनों का प्रेम तो अपना होता ही है...
गैरों का भी प्रेम होना चाहिए...
एक अलग सूकून...
एक अलग चाह...
एक अलग ख़ुशी होनी चाहिए...
इस जीवन में ऐसा बहुत कुछ है
जो ये बावरा मन अपनों से नहीं कह पाता...
लेकिन...
एक गैर जब अपना हो जाता है...
ये उससे कह जाता है...
ये एक अजीब अलग और अनोखे
प्रेम का एहसास होना चाहिए...
अँधेरे में एक अलग सा रोशनी देने वाला
प्रेम होना चाहिए...
बिना इस प्रेम के जीवन अधूरा सा लग रहा है...
ठगा हुआ सा लगने लगा है...
मन बावरा सा और उलझा हुआ सा लगता है...
कोई तो चाहिए...
जो अन्तर्मन को बिना कुछ कहे समझ सके...
जिसे कुछ ना कहना पड़े...
जो खुद ही सब कुछ कहती रहे...
जिसके बिना सूकून ही न रहे...
चैन ना रहे...
जिसके लिए जीने की एक अलग चाह रहे...
"अधूरी" सी जिंदगी में "पूरा" सा कोई तो चाहिए...
अनकही...अनसुनी...अनजानी...
कोई तो चाहिए इस मन को...
जो हर तकलीफ को बोलने से पहले मन को पढ़ ले और कह दे...
...
...
..
आपका अपना अकेला राज
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