#_माँ के कई नाम...
उन्ही नामो में से एक नाम है
****ममता****
ममतामयी माँ को प्रणाम
आज कोई कविता नहीं लिखने का मन है...
आज सिर्फ उसकी ममता लिखने का मन है...
इस धरा पर अगर आपको कहीं सबसे ज्यादा
सुकून मिलेगा तो वो जगह है
"माँ" की गोंद...
"माँ" सृष्टि में आई हुयी एक ऐसी रचना जिसको बनाने
के बाद ईश्वर भी असंतुष्ट हो गया...
और ईश्वर को समझ नहीं आया की आखिर क्या है इस माँ में
जो संसार सिर्फ माँ के गुण गाता है...
तब ईश्वर खुद अनेको बार अनेक रूपों में इस
ममतामयी माँ के लिए इस जहाँ में जन्म लिया
और माँ के प्रेम को समझने की कोशिश की...
जब ईश्वर को माँ को समझने के लिए कई
जन्म लेने पड़े तो हम सिर्फ इंसान हैं....
सिर्फ माँ_पिता की सेवा करते रहिये
कुछ जानने की आवश्यकता नहीं है...
माता_पिता को खुश करने वाले बच्चों को
दुनिया में कभी असफलता नहीं मिलती....
संसार में सबसे मजबूत व्यक्तित्व है माँ...
माँ के लिए क्या क्या लिखे
थोड़ा लिखे ज्यादा लिखे कितना लिखें..
कलम रुक जायेगी
पन्ने खत्म हो जाएंगे..
फिर भी हम माँ के गुणों को लिख नहीं पाएंगे...
बस सदैव अपने माँ_बापू से प्रेम करते रहिये
और उनका प्रेम और आशीर्वाद लेते रहिये....
ममता_दिवस पर सभी भाई बंधुओं को हार्दिक शुभ कामनायें..
राज उपाध्याय
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