Friday, June 23, 2017

काश तुम भी फेसबुक की तरह होती...

 आज तुम्हे याद कर सोच रहा था कि काश..

तुम भी फेसबुक की तरह होती___

रोज सुबह जब में on करता फेसबुक
तो तुम भी
फेसबुक के memories
कालम की तरह मुझे दिखती
में तुम्हे छूता तो अपनी पूरी
यादों को ताज़ा कर लेता..

काश तुम भी फेसबुक की तरह होती
तो रोज तुम्हें पसंद(like) करता
जब रियेक्ट की बटन को
long प्रेस करता तो तुम्हे
सिर्फ love वाले सिंबल की
तरह love कर देता...
और तुम भी मुझे haha सिंबल
से एक इशारा देती की तुम्हारी
 ये अदा मुझे पसंद आई <3

काश तुम भी फेसबुक की तरह होती
तो रोज तुम्हे शेयर करता
अपनी ही वाल पर
जिसकी प्राइवेसी होती
Only me and you

काश कि तुम भी फेसबुक की तरह होती....

तुम्हारा सखा

Friday, February 17, 2017

मन की बात-3


कोई कितना निष्ठुर हो सकता है..
कोई कितना कठोर हो सकता है...
कोई कितना स्वार्थी हो सकता है...
कोई कितना ढोंगी हो सकता है...
इसका अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल है...

कहते हैं>> Good heart always happy... 
पर मुझे लगता है दुनिया में सबसे ज्यादा दुखी वही 
दिल होता है क्यूंकि वो वैसा ही चाहता है जैसा खुद है..
और ऐसा बहुत कम संभव है....
.
दर्द की इन्तेहाँ तब होती है जब कोई कह दे की 
भाई आप आजकल बात नहीं करते चैट नहीं करते.....
तब... तब सिर्फ चुप हो जाता है मन.. ठप हो जाती है धड़कन...
.
लोग इस्तेमाल करके अपना स्वार्थ निकाल कर 
ऐसे फेंकते हैं आपको जैसे केले को खाकर
उसके छिलके को फेंक देना...
यहाँ दोष उनका नहीं होता बल्कि खुद का होता है...
क्यूंकि कोई आपका इस्तेमाल तब तक नहीं कर सकता
जब तक आप इजाजत न दें...

कोई संसार का सबसे प्यारा रिश्ता बनाये आपसे...
कोई वादे करे की मैं जीवन भर साथ हूँ..
कोई वादे करे की अंतिम सांस तक साथ
रहना पसंद है और अंतिम सांस तक रहेंगे..
और अचानक से वो बदल कर अपनी नई दुनिया में ऐसा 
ब्यस्त हो जाए मानो उसका अतीत का कोई रिश्ता ही ना हो...
तब... तब दिल खोखला हो जाता है.. और विश्वाश टूट जाता है...

कोई तुम्हे मजबूर कर दे की तुम्हे आदत पड़ 
जाये किसी की..
कभी किसी एक ख़ास के बिना मॉर्निंग ना हो..
कभी बात न हो तो दिन ना बीते...
कभी गुड नाईट का msg ना आये तो दिमाग 
बेचैनी से बौखला उठे..
कुछ फ़ोन msg का रिप्लाई न आये तो लगे दुनिया रूठी है...
कभी कोई एक आवाज सुनने के लिए ऐसा दिखावा
करे की बस मानो तुमसे प्यारा संसार में कोई है ही नहीं...
किसी के लिए जब तुम ना दिन देखो और ना रात 
बस उसी की खुशियों में जुटे रहो..
और वही जब अचानक से आपका साथ छोड़ दे.???
वो भी उस वक़्त जब आपको सच में उसी रिश्ते की जरुरत हो...
तब... तब दिल रो पड़ता है.. आँखे नम होने लगती है..

जब लगे कि हाँ अभी मेरे पास कोई अपना है और 
वो अपना पराया हो चूका रहे...
जब आपको इंतज़ार हो कि किसी के एक कॉल की...
जब इंतज़ार हो एक msg का एक प्यारे से शब्द
का जो सबसे अनोखा लगता हो और वो सुनने की 
आदत हो चुकी हो..
तब.... तब दिल कई टुकड़ो में कांच की तरह 
तितर बितर हो जाता है... दुनिया रूठ जाती है..
सब कुछ पराया सा लगने लगता है...

बस इन्ही दौर से गुज़र कर आई है ज़िन्दगी..........

नोट: जरुरी नहीं कि रिश्ता सिर्फ GF/BF ही हो।